शक्ति और समृद्धि का प्रतीक श्री दुर्गा बीसा यंत्र मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने के लिए आज ही घर में स्थापित करें शक्तिशाली दुर्गा बीसा यंत्र!
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
Despite a single’s social status or authority, By reciting this, they attain purity and victory. Even those who are childless and yearning for desires, Will definitely acquire blessings from the grace of Lord Shiva.
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि Shiv chaisa प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह shiv chalisa lyricsl परीक्षा तबहिं पुरारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥